14 जनवरी को एक गरीब ब्राह्मण परिवार का घर उजड़ने के साथ साथ एक बेटे ने अपनी माँ-बहन को खो दिया वहीं बाप ने अपनी पत्नी और बेटी को खो दिया। कब्जाई ज़मीन पर झोपड़ी बनाकर कर रह था यह परिवार ऐसा कहना पुलिस प्रशासन का है, जहाँ झोपड़ी पर बुलडोज़र चलाए जाने पर विरोध कर रही घर की महिला और बेटी ने आग में जलकर अपनी असहमति दिखाई।अतिक्रमण हटाने के दौरान माँ, प्रमिला दीक्षित और बेटी, नेहा दीक्षित ने अपना विरोध ऐसे साबित किया।
घरवालों का बोलना है की बुलडोज़र लेकर आये प्रशासन के लोगों ने ही आग लगाकर उनकी हत्या को अंजाम दिया है।भाई का बयान है की यह एक सोची हुई साज़िश थी, जिसमे पुरे प्रशासन का हाँथ था। आग में तड़प रही बेटी और पत्नी को बचाने के प्रयास में घर के पिता कृष्णा कुमार दीक्षित को भी आग की लपटों ने नहीं बक्शा और घायल कर छोड़ा, उनका इलाज अस्पताल में किया जारहा है।
इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है, जनता योगी बाबा की सरकार को कोस रही है। मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठीं ही थी की, ठीक इसी तरह का केस सीतापुर में भी सामने आया है। कमालपुर थाना चैत्र के, सरौराकंला का बतया जा रहा है ये हादसा, यहाँ गनीमत थी की किसी की जान से जाने की खबर नहीं आयी। जबरन अवैध ज़मीन पर महिला ने घर बनाया हुआ था। घर टूटते देख महिला ने की आग में जलने की कोशिश तो पुलिस कर्मियों ने समय पर आकर बचा लिया, महिला इस वक़्त ठाणे में है उससे पूछताछ की जा रही है। यह घटना 15 जनवरी को हुई जो हुबहु कानपूर देहात जैसी ही थी।